आचार्य चाणक्य के बारे में रोचक तथ्य - Amazing Facts History Biography o...





आज हम बात करेंगे एक ऐसे आदमी की जिससे बड़ा राजनेता आज तक हुआ ही नही.
जिसकी नितियाँ, जिसके कोट्स आज भी लोग मन लगाकर पढ़ते है. इनका नाम था ‘ आचार्य चाणक्य ’।


1. चाणक्य का जन्म 371 ईसा पूर्व में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. पिता का नाम था ‘चाणक’ जो एक शिक्षक थे, यही से उनका नाम पड़ा ‘चाणक्य’. इनका गोत्र था ‘कोटिल’ यही से इनका दूसरा नाम पड़ा ‘कौटिल्य’. इनके पिता ने इनका असली नाम रखा था ‘विष्णुगुप्त’।


2. आचार्य चाणक्य ‘तक्षशिला युनिवर्सिटी’ में पढ़े थे. बाद में रही पर शिक्षक भी बने. चाणक्य की रूचि बचपन से ही राजनीतिक में थी.


3. अध्यापक बनने के बाद चाणक्य पाटलिपुत्र चले गए. वहाँ जाकर मगध
साम्राज्य के नंद वंश के न्यायालय में विद्वान बनें. एक दिन चाणक्य और राजा
धनानंद के बीच लड़ाई हो गई, राजा ने अदालत में ही चाणक्य की बेइज्जती कर
दी. चाणक्य ने तभी अपनी चोटी खोल दी और बोला जब तक नंद साम्राज्य का नाश
नही कर दूंगा तब तक चोटी नही बांधूगा.

4. इसके बाद, चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य को चुना और केवल 19 साल की
उम्र में इसे सत्ता में उतार दिया. यहीं से मौर्य साम्राज्य की शुरूआत हुई
जो बाद में धनानंद की हार का कारण बना. चाणक्य की राजनिति और फिलाॅसपी पर
अच्छी पकड़ होने के कारण मौर्य साम्राज्य भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य बन
सका.


5. चाणक्य बहुत ही बुद्धिमान आदमी था वह ऐसे प्लान बनाता था कि हर
स्थिति में सैंकड़ो बैकअप हो. मतलब, कंडीशन चाहे कैसी भी बन जाए उसका बचाव
पक्का था. वह बहुत आगे तक की सोच सकता था.


6. चाणक्य को दवा और खगोल विज्ञान का भी पूरा ज्ञान था. उसे ‘समुंद्र शास्त्र’ में महारत हासिल थी, जिससे वह किसी व्यक्ति के चेहरे के भावो को देखकर ही बता देते थे कि सामने वाला क्या सोच रहा है.


7. चाणक्य ने हमेशा कहा कि महिलाओं पर भरोसा नही करना चाहिए. वो कम
नैतिक चरित्र और झूठ बोलने वाली होती है. लेकिन यह सभी महिलाओं के लिए लागू
नही होती. उनके अनुसार, ‘एक अच्छी महिला वह है जो पवित्र है, घर के काम
में निपुण और अपने पति के लिए सच्ची और वफादार हो’. वह ये नही कहते कि हर
महिला बुरी है और ना ही ये दर्शाते कि हर पुरूष निर्दोष है.


8. ‘Chanakya Niti’ इतनी जबरदस्त है कि आज भी दुनिया और भारत के नेता विदेशी संबंधो को अच्छा बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करते है.


9. चाणक्य ने सिकंदर महान से लड़ने के लिए भारत के सभी राज्यों को एकजुट
किया था. उन्होनें युवा लडकियों की एक सेना भी बनाई जिसका नाम था ‘विषकन्या’. चाणक्य ने इन लडकियों को दुशमन को मारने और चूमने के लिए इस्तेमाल किया क्योंकि इनके चुंबन में भी ज़हर होता था.

10. आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को भोजन के माध्यम से
थोड़ा-थोड़ा जहर दिया, ताकि दुशमन के जहरीलें हमलों का उस पर कोई असर ना
हो. (मतलब खाने में जहर का कोई असर ना पड़े). एक दिन
चन्द्रगुप्त ने अपनी रानी के साथ खाना साझा कर लिया जो 9 महीनें की गर्भवती
थी. वह ज़हर से मर गई. लेकिन चाणक्य ने उसका पेट काटकर बच्चे को बचा लिया.
इस बच्चे का नाम रखा गया ‘बिंदुसार’।


11. जिंदगी के आखिरी दिनों में चन्द्रगुप्त तपस्या में लीन हो गए और
बिंदुसार को राजा बनाया गया. चाणक्य अभी भी बिंदुसार के सलाहकार बने रहे.
लेकिन चाणक्य और बिन्दुसार के बीच दुशमनी पैदा करने के लिए एक कसूती साज़िश
रची गई. इस साज़िश का मास्टरमाइंड था, बिंदुसार का मंत्री ‘सुबंधु’.
बिन्दु ने चाणक्य को बहुत ज्यादा सम्मान दिया था यह सुबंधु को पसंद न था.
सुबंधु ने किसी तरह बिन्दुसार को ये विश्वास दिला दिया कि चाणक्य ने ही
तुम्हारी माँ को मारा था. फिर क्या था बिंदुसार ने बिना पूरा मामला जानें,
चाणक्य पर गुस्सा हो गए. तो चाणक्य घर बार छोड़कर जंगल चले गए और खाना-पीना
छोड़ दिया. जब बिंदुसार को हकीकत का पता लगा तो वो शर्मिंदा हुए और उनको
मनाने गए. लेकिन वो माने नहीं और वहीं भूखे प्यासे घूमते हुए देह छोड़ दी.


12. क्या सम्राट अशोक कभी चाणक्य से मिले थे ?

Ans. इस बात का कोई लिखित सबूत तो नही है लेकिन मैनें कुछ कैल्कुलेशन कि है जिससे ये संभव है कि राजा अशोक और चाणक्य की मुलाकात हुई थी.

चाणक्य – 371 ईसा पूर्व में जन्मे और 283 ईसा पूर्व में मृत्यु हो गई

बिंदुसार (अशोक के पिता) – 320 ईसा पूर्व में जन्मे और 273 ईसा पूर्व में मृत्यु हो गई

अशोक (बिंदुसार के बेटे) – 304 ईसा पूर्व में जन्मे, 269 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक शासन किया और 232 ईसा पूर्व में मृत्यु हो गई.

इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जब तक अशोक 21 साल का था, तब तक चाणक्य
जीवित था. इसके अलावा, यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि चाणक्य बिंदुसार के
सलाहकार थे. इसलिए सम्राट अशोक का आचार्य चाणक्य से मिलना संभव हैं.

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